Saturday, March 21, 2020

किसी अच्छी आदत को डालने और बुरी आदत को छोड़ने के लिए 21 दिन की प्रैक्टिस क्यों है जरूरी?

किसी आदत को डालने में 21 दिन लगने की बात करने के पीछे कई सारी वजहें हैं (फोटो साभार- विशाल भूटानी)
कल मैंने जोर देकर कहा था कि किसी आदत को डालने में 21 दिन का समय लगता है. वैसे अगर आप मुझसे पूछेंगे- किसने कहा तो मैं जवाब नहीं दे पाऊंगा. मैंने कभी इसके लिए पढ़ाई नहीं की. यह पढ़ाई करने वाली बात भी नहीं है, मेरे अनुभव की बात है. बचपन में कभी सुना कि 21 दिन लगते हैं और देखा कि जो चीजें लगातार 21 दिन कर लीं, वे आदत में आ गईं. बल्कि न सिर्फ 21 दिन में अच्छी आदतें बनीं बल्कि बुरी आदतें छूटीं.

जैसे मैं कानपुर से होने के नाते डिक्शनरी को डिक्शन...री बोला करता था. पूरा कानपुर बोलता है. लेकिन अपनी आदत को कुछ बार टोके जाने के बाद मैंने लगातार पढ़ने के दौरान डिक्शनरी बोलते हुए सुधार लिया. हालांकि मैंने 21 दिन गिने नहीं लेकिन रोज पढ़ाई करने के चलते यह ज्यादा आसान रहा. मैंने इसे 21 बार से ज्यादा ही सोचकर डिक्श...नरी कहा और अंतत: यह हो डिक्शनरी हो गई.

बोलने को छोड़ भी दें तो मेरी एक और आदत पढ़ते-पढ़ते सो जाने की थी. अब किताब चाहे कितनी बोरिंग क्यों न हो जाए, आप मुझे किताब लेकर सोता नहीं पाएँगे. कभी अपवाद हो सकता है, जब मैं बहुत थका होऊं लेकिन ज्यादातर ऐसा नहीं होगा. मोबाइल लेकर भी नहीं. हमेशा उसे सही जगह पर रखकर ही सो रहा होऊंगा.


तीन हफ्ते देखने में बेहद कम लेकिन आपकी जिंदगी में ला सकते हैं बड़े बदलाव

बहरहाल फिर से 21 दिन में आदत डालने और आदत छोड़ने की बात पर वापस आ जाते हैं. तो फिलहाल इसी 21 दिन के फॉर्मूले का यूज कर मैं अपनी नाखून चबाने और एक्सरसाइज करने की आदत क्रमश: छुड़ाने और बनाने पर काम कर रहा हूं. वैसे इनकी तरक्की कैसी है, यह बाद में बताऊंगा. पहले यह बताता हूं कि अच्छी आदत का 21 दिन लगातार प्रयास और बुरी आदत का 21 दिन लगातार निषेध क्यों?

ऐसे तो तीन हफ्ते बहुत ज्यादा नहीं लगते लेकिन यह आपकी जिंदगी में बड़े बदलाव के लिए काफी होते हैं.


21 दिन में या तो किसी प्रयास को आदत बना लेंगे या एक गलत आदत से बच जाएंगे

कई बार आप खुद को जिस चीज की आदत डालने के लिए तैयार कर रहे होते हैं. वह चीज आपके अंदाज, आपके व्यक्तित्व के मुताबिक नहीं होती है. जैसे अगर मैं कोशिश करूं कि आदत डालूंगा, प्राइमटाइम पर किसी भी न्यूज एंकर की डिबेट 21 दिन लगातार देखने की तो यह मेरे लिए बहुत मुश्किल होगा क्योंकि मैं भी इसी धंधे में लगा हूं और जानता हूं कि यह खेल कैसे चल रहा है. ऐसे में कुछ दिन जज करता रहूंगा और फिर इस काम को व्यर्थ मानकर छोड़ दूंगा. दरअसल यह काम मेरे लिए नहीं था और उसकी आदत डालकर मैं अपने उद्देश्यों को व्यर्थ कर रहा होता.

ऊपर जो मैंने लिखा उसमें कुछ भी गलत नहीं है. यानि किसी आदत को डालने के लिए बहुत जरूरी है आपके पास एक जरूरी मकसद हो. और यह मकसद मात्र आपके दिमाग का फितूर न हो बल्कि अपने आसपास के लोगों से इस मकसद को लेकर जिक्र किया हो और उन्होंने भी इस मकसद को लेकर आपका उत्साहवर्धन किया हो. उत्साहवर्धन न सही लेकिन इसके आप पर सकारात्मक प्रभाव की आशा जताई हो.


सिर्फ मकसद काफी नहीं आदत के लिए गजब के धैर्य की भी जरूरत

लेकिन इस 21 दिन के कार्यक्रम में सिर्फ मकसद ही सबकुछ नहीं. आप 2-4 दिन में ही या तो बोर हो जाएंगे, या तो यह सोचने लगेंगे कि यह नई चीज क्यों ही कर रहा हूं और बहुत कम मामलों में इसे लेकर बहुत आशावान हो जाएंगें लेकिन किसी भी परिस्थिति में इसे छोड़िएगा मत. दरअसल इस 21 दिन के कार्यक्रम में जो चीज सबसे ज्यादा जरूरी है, वह है धैर्य. आपने अपने लिए जो चुन लिया है, उसे बिना उसके फायदे नुकसान सोचे 21 दिन करते रहें. हालांकि ऐसा नहीं कि गंभीर परिस्थितियों में या नुकसान के दौर में भी ऐसा करें लेकिन जब तक चीजें सामान्य हों अपनी नई प्रैक्टिस को 21 दिन लगातार धैर्य के साथ करें.

पढ़ते हुए सो जाने की समस्या कई सारे लोगों को होती है...    (फोटो क्रेडिट- विक्टोरिया, etsy.com)

21 दिनों बाद आप परिस्थितियों के प्रति तटस्थ होकर कर सकते हैं निर्णय

दरअसल 21 दिन ही इतना वृहत अनुभव आपको दे सकेगा कि आप सही-गलत आदत, उसके फायदे-नुकसान आदि का सही अनुमान लगा सकें. इस वृहत अनुभव से ही आप बिल्कुल तटस्थ हो सकेंगे और विचार कर सकेंगे कि 21 दिन आपने जो किया, उससे क्या पाया और क्या खोया? साथ ही आप समझ जाएंगे कि इसे जारी रखेंगे तो आगे के भविष्य पर कैसा असर होगा.

मसलन आप कोई भाषा सीख रहे हों तो आप 21 दिन में करीब 100 शब्द सीख जाएंगे. ऐसे में आप उसके मामूली वाक्यों को बोलने और समझने लगेंगे. अब निकट भविष्य में उस भाषा में अवसर और उसके फायदे आदि तय करेंगे कि आप उस भाषा को सीखना चाहते हैं या नहीं. ये और कुछ अन्य फैक्टर मिलकर 21 दिन में आपके दिमाग में यह बात साफ कर देंगे कि आपको यह काम कर लेना है या छोड़ देना है.


21 दिन में का आदत डालने का कार्यक्रम पूरा किया तो हमेशा आदत डालने में होगी आसानी

साथ ही 21 दिन का कार्यक्रम हमेशा अपने साथ अच्छी प्लानिंग और निरंतरता का तोहफा आपको देकर जाएगा. यानी की आप जरूरी चीजों के लिए न सिर्फ काम करना सीख जाएंगे बल्कि आप यह भी जान जाएंगे कि लगातार उनके लिए समय कैसे निकाला जाए. इससे आगे की आदतें डालने में भी मदद मिलेगी.

अब बात मेरी आदतों की करें तो मुंह के पास हाथ जाते ही जैसे दिमाग डांट देता है. अब मेरे नाखून बड़े हो रहे हैं. मैं इनके ठीक-ठाक बड़े हो जाने के बाद इनकी तस्वीर पोस्ट करूंगा. इसके अलावा मैंने आज भी एक्सरसाइज की और स्ट्रीक को टूटने नहीं दिया. आज मैंने 'वन माइल वॉक' नाम की एक्सरसाइज की. आप यूट्यूब पर इस नाम से ढूंढेंगे तो आसानी से आपको मिल जाएगी.

दूसरे दिन भी आसानी से आदतें बनाने की तरफ बढ़ता रहा

मैंने एक्सरसाइज आज नहाने से पहले ही की. हालांकि दोपहर के 2 बज रहे थे. मुझे आज दिन में हरारत और जुकाम महसूस हुआ. क्योंकि मैं जर्मन एंबेसी के चक्कर 5 दिन पहले मार रहा था तो थोड़ा डरा भी रहा लेकिन सभी चीजें सही से पूरी कीं और देखिए भले ही दो घंटे लेट रहा होऊं, पर ब्लॉग भी लिख ही दिया है.

कल हम बात इस बारे में करेंगे कि कैसे तय करें कि हमें क्या आदत डालनी चाहिए और उसके लिए कैसे प्रयास करें?
(नोट: आप मेरे लगातार नाखून न चबाने और एक्सरसाइज करने के दिनों को ब्लॉग के होमपेज पर (सिर्फ डेस्कटॉप और टैब वर्जन में ) दाहिनी ओर सबसे ऊपर देख सकते हैं.) 

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